Pramila singh

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लेखनी कविता -31Jul-2023 प्रतियोगिता हेतु -आधे अधूरे मिसरे - प्रसिद्ध पंक्तियाँ -चुपके चुपके रात दिन

काव्य प्रतियोगिता - चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है



चुपके चुपके रात दिन, आँसू बहाना याद है l
तन्हाई की वो सर्द रातें और तेरा ना होना याद है l

क्या गुजरी हम पर, हम ही जानते हैं l
तस्वीर से तेरी तेरी ही, शिकायत करना याद है l

लोगों ने जलते देखी, बस चिता तेरी l
अरमानों का मेरे जलना, सिर्फ मुझे याद है l

छुपाकर गम अपना, बच्चों के लिए मुस्कुराना याद है l
अधूरा ख़्वाब तेरा पूरा है करना, मकसद यही आज है l

ज़िंदा है तेरे बिना, पर क्या ये भी कोई ज़िन्दगी है l
दिन है जलाता, रात भी शोलों से भरी है l

खुशियाँ रूठ गई है, गम की आंधी ऐसी चली है l
चुपके चुपके रात दिन, आँसू बहाना याद है ले


#काव्य प्रतियोगिता आधे अधूरे मिसरे /प्रसिद्ध पंक्तियाँ - चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है
#प्रमिला 

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2 Comments

Gunjan Kamal

31-Jul-2023 09:38 AM

बहुत खूब

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